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हिमालयी इलाकों में एक ऐसा औषधीय पौधा मिलता है, जो गैस चैंबर बन चुकी दिल्ली में लोगों को खांसी से निजात दिला सकता है. इस औषधीय पौधे का नाम है जूफा. डॉक्टरों का कहना है कि जूफा खांसी ठीक करने के साथ-साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाता है.

इस बारे में डॉ. आरपी पाराशर बताते हैं कि जूफा के साथ तुलसी, भृंगराज जैसी जड़ी-बूटियां कफ को बाहर निकालने में मदद करती हैं. इस समय दिल्ली के प्रदूषण से लोग एलर्जी के शिकार हो रहे हैं ऐसे में जूफा कारगर साबित हो सकती है.

डॉक्टरों की मानें तो औषधीय पौधे जूफा को गुनगुने पानी और तुलसी, लौंग, वासा, पिपलि, गोजिहा, दालचीनी, कटेली, बहेडा, अंजीर, उनाब इत्यादि के मिश्रण के साथ लिया जा सकता है. इसके अलावा जुफेक्स फोर्टे का सेवन भी कुछ दिन बाद ही यह आपके कफ को बाहर निकालने में मदद करेगा.

गौरतलब है कि जूफा का बोटैनिकल नाम Hyssopus officinalis L है. यह पौधा यूरोप और पश्चिम एशिया के अलावा भारत के जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति और उत्तराखंड के कुछ इलाकों में मिलता है.

आमतौर पर यह औषधीय पौधा ढलान भरे रेतीले सूखे पहाड़ों पर पाया जाता है. कफ सिरप तक बनाने में इसका इस्तेमाल किया जाता है. डॉ. आरपी पाराशर का यह भी कहना है कि इस बूटी के अलावा कई तह वाल साफ कपड़ा नाक पर बांधकर भी प्रदूषण के बारीक कणों से बचा जा सकता है. इसके अलावा जलनेति, स्वेदन, वाष्पीकरण के जरिए भी आप जहरीली हवा से बच सकते हैं.

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